JAMA Network Open में प्रकाशित हालिया शोध में पाया गया है कि दिनभर डेस्क पर बैठे रहने वाले कर्मचारियों में हृदय रोग का खतरा 34% तक बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, उनकी अकस्मात मृत्यु की संभावना भी 16% अधिक रहती है। चौंकाने वाली बात यह है कि ऑफिस के बाद व्यायाम करने से भी लंबे समय तक बैठे रहने का नुकसान पूरी तरह से कम नहीं होता।
छोटे बदलाव, बड़े फायदे
हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि “छोटी-छोटी आदतें” ही इस खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं। रोज़मर्रा की नौकरी की भागदौड़ में भी कुछ मिनट के लिए उठना, चलना या हल्का व्यायाम करना दिल और शरीर दोनों के लिए राहत का काम करता है।
1. हर घंटे उठें और चलें
कार्डियोलॉजिस्ट सलाह देते हैं कि हर 30–60 मिनट में खड़े होकर एक-दो मिनट टहलें या स्ट्रेचिंग करें। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
2. डेस्क पर आसान एक्सरसाइज़
बैठे-बैठे टांगों को उठाना, गर्दन घुमाना, कंधों को पीछे खींचना या पिंडलियों पर हल्का दबाव डालना तनाव कम करता है और थकान घटाता है।
3. सिट-स्टैंड डेस्क का इस्तेमाल
पूरे दिन खड़े रहने की बजाय बैठने और खड़े होने के बीच संतुलन ज़रूरी है। फोन कॉल्स या छोटी मीटिंग्स के दौरान खड़े होना भी फायदेमंद है।
4. लिफ्ट छोड़ें, सीढ़ियां अपनाएं
ऑफिस की सीढ़ियां चढ़ना या गाड़ी थोड़ी दूर पार्क करना रोज़ाना के छोटे-छोटे “वर्कआउट” की तरह है। यह दिल की सेहत के लिए बेहद असरदार साबित होता है।
5. सही खानपान और हाइड्रेशन
काम के बीच बार-बार पानी पीना शरीर को ऊर्जावान रखता है। तैलीय स्नैक्स की बजाय फल, दही, नट्स या पॉपकॉर्न जैसे हेल्दी विकल्प अपनाना चाहिए।
6. सही पोश्चर और माइंडफुलनेस
कुर्सी पर झुककर बैठना सिर्फ पीठ दर्द ही नहीं, दिल पर भी असर डालता है। गहरी सांस लेना, हल्की स्ट्रेचिंग करना और थोड़ी देर आँखें बंद करके आराम करना तनाव घटाता है।
क्यों ज़रूरी है बदलाव
विशेषज्ञों का कहना है कि “सीटेड लाइफ़स्टाइल” अब नई स्मोकिंग कहलाने लगी है। लगातार बैठे रहने से हृदय, ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज़्म पर गहरा असर पड़ता है। लेकिन यही छोटे-छोटे बदलाव रोज़ाना की जिंदगी में बड़ी राहत दे सकते हैं और दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।