सदियों से नॉर्डिक संस्कृति में सौना सिर्फ़ आराम और शुद्धिकरण का स्थान माना जाता रहा है। अब आधुनिक विज्ञान यह बता रहा है कि यह परंपरा दिल की सेहत के लिए भी छिपे हुए लाभ पहुँचा सकती है।
गर्मी से दिल को व्यायाम जैसा लाभ
हालिया अध्ययनों से पता चला है कि सौना में बैठने से दिल की धड़कन तेज होती है और रक्त वाहिकाएं फैलती हैं। यह प्रतिक्रिया हल्के से मध्यम व्यायाम जैसी होती है। लंबे समय तक यह अभ्यास धमनियों की कठोरता को कम कर सकता है और रक्त संचार को बेहतर बना सकता है—जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
फ़िनलैंड में किए गए एक लंबे अध्ययन में पाया गया कि जो लोग हफ़्ते में चार से सात बार सौना लेते हैं, उनमें घातक हृदय रोग का जोखिम उन लोगों की तुलना में कहीं कम था जो केवल हफ़्ते में एक बार ही सौना करते थे।
दिल से आगे के फायदे
सौना का असर सिर्फ़ दिल तक सीमित नहीं है। शरीर का तापमान बढ़ने और फिर तेजी से ठंडा होने की प्रक्रिया गहरी नींद में मदद कर सकती है। नियमित सौना लेने वालों ने मनोदशा में सुधार, चिंता में कमी और मानसिक स्वास्थ्य में सकारात्मक प्रभाव की भी रिपोर्ट दी है। खिलाड़ी भी मांसपेशियों के तनाव को कम करने और रिकवरी को तेज़ करने के लिए सौना का सहारा लेते हैं।
सीमाएँ और सावधानियाँ
विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके लाभों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताना चाहिए। सौना व्यायाम या चिकित्सा का विकल्प नहीं है। चिकित्सक सामान्यतः 15–20 मिनट से ज़्यादा सौना न लेने और पर्याप्त पानी पीने की सलाह देते हैं। जिन लोगों को अनियंत्रित उच्च रक्तचाप, अस्थिर एनजाइना या हाल ही में दिल का दौरा पड़ा हो, उन्हें सौना से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
परंपरा और विज्ञान का संगम
कभी सिर्फ़ सांस्कृतिक अनुष्ठान माने जाने वाले सौना को अब एक संभावित स्वास्थ्य उपकरण के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि प्रमाण अभी प्रारंभिक हैं, यह स्पष्ट है कि तनाव और हृदय रोगों के इस दौर में गर्माहट का यह साधन केवल आराम ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी राहत ला सकता है।