देशभर में लाखों नागरिकों की मेहनत की कमाई, जो वर्षों से बैंकों, बीमा कंपनियों और निवेश फंडों में अटकी पड़ी थी, अब अपने असली मालिकों तक पहुंचेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को गांधीनगर से “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” नामक ऐतिहासिक राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत करते हुए यह घोषणा की कि करीब Rs 1.84 लाख करोड़ की अनक्लेम्ड राशि अब नागरिकों को लौटाई जाएगी।
यह सिर्फ पैसा नहीं, लोगों की मेहनत का सम्मान है
वित्त मंत्री ने कहा —
“यह राशि सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि लाखों परिवारों की मेहनत, बचत और उम्मीदों का प्रतीक है। सरकार हर नागरिक की पूंजी की संरक्षक है।”
यह अभियान तीन महीनों तक चलेगा और इसका मकसद देश के हर नागरिक को उसकी अनक्लेम्ड पूंजी की जानकारी देना और उसे सहज प्रक्रिया के ज़रिए वापस दिलाना है।
कहां पड़ी है यह राशि?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ₹1.84 लाख करोड़ की यह अनक्लेम्ड रकम निम्नलिखित स्रोतों में अटकी हुई है:
◆बैंकों के अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स
◆बीमा पॉलिसियों की परिपक्व राशि
◆अनक्लेम्ड डिविडेंड्स
◆म्यूचुअल फंड यूनिट्स का शेष बैलेंस
◆पेंशन खातों की राशि
कई रकम इसलिए अटकी पड़ी है क्योंकि खाताधारक या उनके उत्तराधिकारियों को इन खातों की जानकारी या आवश्यक दस्तावेज़ नहीं मिल पाए।

कैसे मिलेगा आपका पैसा वापस?
सरकार ने प्रक्रिया को डिजिटल, सरल और पारदर्शी बनाया है —
1. नागरिक मान्य दस्तावेज़ों के साथ बैंक या संबंधित संस्था में आवेदन कर सकते हैं।
2. RBI का UDGAM पोर्टल अनक्लेम्ड बैंक डिपॉजिट खोजने में मदद करेगा।
3. SEBI और IEPF पोर्टल शेयर, म्यूचुअल फंड और बीमा दावों के लिए उपयोग किए जाएंगे।
4. दावा सत्यापित होने के बाद राशि सीधे नागरिक के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
अभियान के तीन स्तंभ
निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस पहल का आधार “3A मॉडल” पर रखा गया है —
◆Awareness (जागरूकता): लोगों को जानकारी देना कि उनकी पूंजी कहां फंसी है।
◆Accessibility (सुलभता): डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और जिला स्तर पर पहुंच सुनिश्चित करना।
◆Action (कार्रवाई): त्वरित और पारदर्शी दावा प्रक्रिया लागू करना।
“Awareness + Accessibility + Action = भरोसेमंद वित्तीय समावेशन”
क्यों है यह कदम ऐतिहासिक?
यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने सभी वित्तीय संस्थाओं को एक साथ जोड़कर नागरिकों की अनक्लेम्ड राशि लौटाने का बड़ा कदम उठाया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह अभियान वित्तीय समावेशन, पारदर्शिता और नागरिक अधिकारों की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
“आपकी पूंजी, आपका अधिकार” सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि नागरिकों की मेहनत को सम्मान दिलाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है।
इससे लाखों परिवारों को वर्षों से पड़ी निष्क्रिय रकम वापस मिलने की उम्मीद है — और सरकार का यह कदम “विकसित भारत” की ओर एक और सशक्त कदम बनकर उभर रहा है।
