प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तर प्रदेश में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे। दुनिया के चौथे और एशिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट के अगले तीन वर्षो में परिचालन में आ जाने के साथ ही उत्तर प्रदेश देशभर में सबसे प्रमुख विमानन केंद्र के तौर पर स्थापित हो जाएगा।
ग्रेटर नोएडा के जेवर में 6,200 हेक्टेयर क्षेत्र में बन रहा यह भारत का आधुनिकतम ग्रीनफील्ड (नया बनने वाला) एयरपोर्ट होगा। शुरुआती चरण में इसकी क्षमता सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में उस समय तक 16 अन्य एयरपोर्ट परिचालन में होंगे। इस तरह यह देश में हवाई मार्गो से सबसे ज्यादा जुड़ा रहने वाला राज्य होगा।
ऊंची छलांग लगाने जा रहा भारत
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ भारत दुनिया में ऊंची छलांग लगाने जा रहा है। दुनियाभर के बड़े हवाई अड्डों में क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का नाम चौथे नंबर पर दर्ज हो जाएगा। उत्तर प्रदेश भी देश का इकलौता राज्य बन जाएगा, जहां पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे। यमुना प्राधिकरण ने इंटरनेशनल एयरपोर्ट व एविएशन हब के लिए दस हजार हेक्टेयर जमीन आरक्षित की थी, लेकिन एयरपोर्ट की संभावनाएं धूमिल होने पर क्षेत्रफल को पांच हजार हेक्टेयर तक सीमित कर दिया था।
भारत दुनिया के बड़े एयरपोर्ट की सूची में चौथे स्थान पर
हवाई जहाज के मेंटेनेंस, रिपेयर व ओवर हालिंग (एमआरओ) गतिविधियों की संभावना को देखते हुए प्राधिकरण ने सेक्टर 30 की पांच सौ हेक्टेयर व सेक्टर 31 की 345 हेक्टेयर जमीन समेत 1200 हेक्टेयर जमीन एयरपोर्ट के लिए आरक्षित कर दी है। इससे आरक्षित जमीन का कुल क्षेत्रफल 6200 हेक्टेयर हो गया है। भारत दुनिया के बड़े एयरपोर्ट की सूची में चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
उत्तर प्रदेश में इंटरनेशनल एयरपोर्ट
- अमौसी एयरपोर्ट-लखनऊ
- लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट-वाराणसी
- कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
- अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट (निर्माणाधीन)
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर
क्षेत्रफल के आधार पर विश्व के पांच सबसे बड़े एयरपोर्ट
- किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट- सऊदी अरब- 77,600 हेक्टेयर
- डेनवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट- अमेरिका- 13,571 हेक्टेयर
- डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट- अमेरिका- 6,963 हेक्टेयर
- आरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट- अमेरिका- 5383 हेक्टेयर
- वा¨शगटन डुलल्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट- अमेरिका- 4856 हेक्टेयर