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Home»राष्ट्रीय»असली किसानों ने राकेश टिकैत की खोली पोल, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ राकेश टिकैत को गिरफ्तार करो, जानिए पूरा मामला
राष्ट्रीय

असली किसानों ने राकेश टिकैत की खोली पोल, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ राकेश टिकैत को गिरफ्तार करो, जानिए पूरा मामला

Sunil MauryaBy Sunil MauryaJanuary 28, 2021No Comments4 Mins Read
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rakesh
कथित किसान नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो)
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नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में किसानों का आंदोलन जारी है। गणतंत्र दिवस पर किस तरह से आंदोलन उपद्रव और दंगे का रूप ले लिया। ये किसी से छुपा नहीं है। इसके पीछे किसकी साजिश थी? आखिर ऐसा करने के पीछे क्या था मकसद? अगर इसकी गहराई में जाएं तो सबकुछ आइने की तरह साफ हो जाता है। सवाल ये भी उठता है कि आखिर जिस आंदोलन का नेतृत्व पिछले दो महीने से बड़े-बड़े और कथित रूप से किसान नेता कहे जाने वाले राकेश टिकैत और अन्य दूसरे नेता कर रहे थे, वो अचानक गणतंत्र दिवस पर किसानों की परेड से क्यों पीछे हट लिए?

क्या उस दौरान इनके नेतृत्व की जरूरत नहीं थी। क्या इन्हें पहले से पता था कि आज हंगामा होगा, इसीलिए ये पर्दे के पीछे छुपे रहे और दूसरे लोगों को आगे कर दिया। यूपी के रहने वाले और खुद को किसानों का मसीहा होने का दावा करने वाले राकेश टिकैत को 28 जनवरी को लोगों ने गिरफ्तार करने की क्यों मांग उठाई? ट्विटर पर हजारों की संख्या में लोगों ने हैशटैग राकेश टिकैत को गिरफ्तार करो…क्यों ट्रेंड किया।

सवाल- जब इतने ही किसानों के हितैषी, तो 2 बार चुनाव लड़ा, दोनों बार हारे क्यों?

#राकेश_टिकैत_को_गिरफ्तार_करो If you agree with me

Then retweet maximum @beingarun28 pic.twitter.com/gtsNRMcGVX

— Aaryen Tiwari🇮🇳 (@AaryenTiwariBJP) January 28, 2021

सोशल मीडिया पर कथित किसान नेता राकेश टिकैत के खिलाफ जबर्दस्त रोष देखने को मिला। लोगों ने ये भी सवाल पूछा कि अगर वो खुद को किसान नेता बताता है। खुद को किसानों का हितैषी बताता है तो फिर किसान प्रधान देश में चुनाव कैसे हार गया? वो भी एक बार नहीं बल्कि दो बार। बता दें कि राकेश टिकैत ने किसान यूनियन के जरिए राजनीति में आने का प्रयास किया। इसके लिए दिल्ली पुलिस में सिपाही की नौकरी भी छोड़ दी थी। वर्ष 2007 में मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट से नर्दलीय चुनाव भी लड़े। लेकिन हार मिली। इसके बाद 2014 में तो अमरोहा सीट से लोकसभा चुनाव लड़े। इस बार तो निर्दलीय भी नहीं थे। राष्ट्रीय लोकदल ने टिकट दिया। लेकिन नतीजा फिर वही। हार। इस बार तो जमानत भी जब्त हो गई। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जिन किसानों का नेता होने का दावा करते हैं वही इन्हें वोट क्यों नहीं देते हैं? इस पर एक यूजर ने ट्विटर पर सवाल भी उठाया है?

मीडिया के सामने बयान देकर ऐसे फैलाया जहर, पर उपद्रव में खरोंच तक नहीं आई, क्यों?

https://bharatspeaks.com/wp-content/uploads/2021/01/rakesh-tika.mp4

किसानों के कथित नेता राकेश टिकैत का ये वीडियो देखिए। इस वीडियो में टिकैत ने मीडिया के सामने कहा था कि- ‘देश को गणतंत्र दिवस मनाने का अधिकार है। किसी के बाप की जागीर है गणतंत्र दिवस। ये गणतंत्र दिवस दुनिया का किसान मनाएगा। दुनिया की सबसे बड़ी परेड होगा। कौन रोकेगा किसान को’। इस बयान के बाद ही दिल्ली हिंसा हुई थी। सैकड़ों पुलिसवाले घायल हुए थे। कई किसान भी जख्मी हुए। लेकिन इसके लिए जिम्मेदार एक भी नेता को खरोंच तक नहीं आई। आखिर ये कैसे हुआ? दो महीने तक किसानों का नेतृत्व करने वाले ये कथित नेता उस समय क्यों छुप गए थे जब उपद्रव हो रहे थे। क्यों नहीं सामने आए?

असली किसानों ने कहा- टिकैत लाखों-करोड़ रुपये लेकर कराता है आंदोलन, देखें वीडियो

इस वीडियो को देखने से साफ पता चलता है कि राकेश टिकैत कौन है और क्या है। गांव में रहने वाले किसाने खुद बता रहे हैं कि दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसान कौन है? वहां किसान है तो वहां पकवान कैसे चल रहे हैं। किसान बता रहे हैं कि जब राकेश टिकैत के पिता ने आंदोलन शुरू किया था तब वे लोग भी शामिल हुए थे। लेकिन उसके बाद पता चला कि राकेश टिकैत और उसका परिवार कभी 10 लाख रुपये तो कभी 1 करोड़ रुपये लेकर आंदोलन शुरू कराते हैं और फिर बंद करा देते हैं। इसलिए अब उसके साथ कोई असली किसान नहीं जाता है। ये लोग नकली किसान हैं और टोल से पैसा वसूलते हैं। उन्हीं पैसों से नकली किसानों को साथ लेकर जगह-जगह आंदोलन कराते हैं। इसलिए हमलोग उसके आंदोलन में नहीं जाते हैं। हकीकत ये है कि वो किसानों की लड़ाई नहीं लड़ रहा है। बल्कि वो अपने घर की लड़ाई लड़ रहा है। उस पर तो योगी सरकार को एक्शन लेना चाहिए।

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rakesh Tikait राकेश टिकैत
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Sunil Maurya

Deputy Editor, BHARAT SPEAKS

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