लखनऊ : उत्तर प्रदेश अब देश का सर्वोत्तम प्रदेश बनने की राह पर है। विदेशी निवेश के मामले में यूपी जल्द ही देश के टॉप-3 राज्यों में शामिल हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति अगर गुजरात जैसे राज्य की तरह होती तो ये निवेश कई गुना ज्यादा बढ़ सकता था। लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार की नीतियों की वजह से पिछले कुछ वर्षों में विदेशी कारोबारियों के लिए उत्तर प्रदेश में सकारात्मक माहौल मिला है। जिसकी वजह से वर्ष 2022 तक यूपी में करीब 45 हजार करोड़ रुपये के विदेशी निवेश आने का अनुमान है। अभी वर्तमान में जर्मनी, ब्रिटेन, यूएस समेत कई देशों की कंपनियां इस राज्य में निवेश की तैयारी में हैं। यही कारण है कि राज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ रहा है।
डिफेंस एक्सपो-2020 और विकास योजनाओं में तेजी से निवेशकों में बढ़ा भरोसा
India Brand Equity Foundation (IBEF) की हाल में आई रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2020 में उत्तर प्रदेश में डिफेंस एक्सपो का आयोजन हुआ था। इस आयोजन में दुनिया भर से निवेशक आए थे। यहां उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों और उसे पूरा करने में दिखाई जा रही तेजी से विदेशी निवेशक काफी प्रभावित हुए। इस एक्सपो के दौरान ही 5 लाख करोड़ के विदेशी निवेश होने का प्रस्ताव आ गया था। इसके बाद अगस्त 2020 में कोडक टीवी (Kodak TV) ने यूपी में 500 करोड़ रुपये का निवेश किया। ये निवेश यूपी के हापुड़ में किया गया। यहां टीवी बनाने का ऑटोमेटिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनाया जा रहा है। इससे आसपास के काफी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। अभी वर्तमान में जापान, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम (UK), कनाडा, जर्मनी व दक्षिण कोरिया की कंपनियों के निवेश करने का प्रस्ताव चल रहा है। अगले साल में ये निवेश को हरी झंडी मिल जाती है तो वर्ष 2022 तक 45 हजार करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आ जाएगा। अभी फ्रांस की कंपनी सोलर एनर्जी के क्षेत्र में निवेश करने की तैयारी में है। वहीं, जर्मनी की कंपनी वॉनवैलेक्स ने तो फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग में 300 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी भी दे दी है।
इस कंपनी का पहला निवेश यूपी के आगरा में हो चुका है। इसी तरह, एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड कंपनी अभी खमीर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 750 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। औद्योगिक विकास विभाग के सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस कंपनी के लिए जमीन भी अलॉट हो गई है। इसके अलावा, जापान की नामी कंपनी वायरिंग हारनेस और कंपोनेंट्स में 2000 करोड़ का निवेश करेगी। दक्षिण कोरिया की सैमसंग (Samsung) का तो उत्तर प्रदेश में काफी पहले से बड़ा निवेश है। लेकिन अब ये कंपनी सैमसंग डिस्प्ले नाम से बड़े निवेश की योजना बनाई है।
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कोरोना लॉक डाउन के बाद भी निवेशकों ने यूपी में किया भरोसा
इस साल कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन ने आर्थिक स्थिति पर काफी असर डाला है। इसके बाद भी यूपी में जिस तरह से एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य हुआ है और बड़े-बड़े शहरों को जोड़ने के लिए एयरपोर्ट के निर्माण में तेजी लाई गई है, उससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। अभी यूपी में कुल 17 एयरपोर्ट शुरू करने की तैयारी है। यूपी के नोएडा-दादरी में डेडिकेटेड फ्रेट इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के काम में भी तेजी आ रही है। ऐसे में यूपी सरकार की योजना के मुताबिक, सबकुछ समय पर तैयार हो जाए तो और भी विदेशी निवेशक यहां सक्रिय हो जाएंगे।
UP औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक नजर
- यूपी में कुल 15 इंडस्ट्रियल एरिया हैं और 12 खास इंडस्ट्रियल पार्क हैं।
- वर्तमान में 20 अधिसूचित, 13 ऑपरेशनल और 23 SEZ का अप्रूवल हो चुका है।
- यूपी में 40 आईटी पार्क, 2 बायोटेक जोन और 1 नॉलेज पार्क का और प्रस्ताव तैयार हो चुका है।
सरकार की इन नीतियों से यूपी बन रहा है विकसीत राज्य
न्यू इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग प़ॉलिसी-2020 : वर्तमान यूपी सरकार ने अपने राज्य को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने का फैसला लिया है। अगले 2022 तक 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश आने का लक्ष्य है।
उत्तर प्रदेश स्टार्टअप पॉलिसी-2020 : इसके तहत देश के टॉप-3 स्टार्टअप वाले राज्य में यूपी को शामिल कराने का लक्ष्य है। इसके तहत ये योजना बनाई गई है कि एक बेहतर तालमेल के साथ यूपी में 10 हजार नए स्टार्टअप शुरू हो सकें।
न्यू टूरिज्म पॉलिसी : इस पॉलिसी के जरिए हर साल 5 हजार करोड़ रुपये के निवेश होने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही सालाना 5 लाख लोगों को नौकरी दिलाने की योजना है।