लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार सतत् विकास पर ध्यान दे रही है। सतत् विकास का मतलब सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ पर्यावरण मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ऐसा विकास करना जो आने वाली कई पीढ़ियों को प्राप्त होती रहे। योगी सरकार ने अब उत्तर प्रदेश को सोलर एनर्जी का सबसे बड़ा हब बनाने की तैयारी की है। ऐसा होने से ना सिर्फ बिजली उत्पादन बढ़ेगा बल्कि सैकड़ों की संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
सोलर एनर्जी बढ़ाने की नीति तैयार
सोलर एनर्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई नीति तैयार की है। योगी सरकार ने प्रदेश में 1535 मेगावॉट की परियोजना पर मुहर लगा दी है। 7500 करोड़ रुपये के खर्च से आकार ले रही इन परियोजनाओं के जरिये राज्य सरकार प्रदेश में बिजली उत्पादन के क्षेत्र बड़ा परिवर्तन लाने की तैयारी में है। इससे बिजली के उत्पादन उत्तर प्रदेश राज्य की आत्मनिर्भरता बढ़ जाएगी।
अभी 24 सौर पावर प्रोजेक्ट संचालित
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि योगी सरकार की योजना सोलर एनर्जी के जरिये प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाने की है। इसके साथ ही युवाओं को इन परियोजनाओं के जरिये रोजगार से जोड़ने की भी है। इस तरह बिजली में आत्मनिर्भरता के साथ रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे। अभी वर्तमान में 420 मेगावाट क्षमता की 24 सौर पावर परियोजनाएं (प्रोजेक्ट्स) संचालित हैं। इन परियोजनाओं में सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़कर 749 मेगावाट हो गया है।
सौर ऊर्जा यूनिट पर स्टांप शुल्क में 100% छूट
सौर ऊर्जा इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी पहल की है। परियोजना को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा नीति में सौर ऊर्जा इकाई स्थापना पर स्टाम्प शुल्क में शत-प्रतिशत यानी 100 फीसदी की छूट दी है। 225 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप स्थापित किए गए हैं।
ग्रामीण इलाकों में सोलर स्ट्रीट लाइटें
योगी सरकार की महत्वकांक्षी योजना में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना है। इसके तहत ग्रामीण बाजारों में 25304 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य विकास योजना में चयनित राजस्व ग्रामों में 13791 सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना की गई है। प्रदेश में 18823 सोलर पम्प लगा कर किसानों को सस्ते और सुलभ सिंचाई के संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। सौर ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत 2480 करोड़ रुपये का निजी निवेश भी आमन्त्रित किया गया है।
सरकारी विभागों में ग्रीन एनर्जी को दे रहे हैं बढ़ावा
प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कई सरकारी बिल्डिंगों में ग्रीन एनर्जी का प्रयोग कर रही है। कई बिल्डिंगे ग्रीन बिल्डिंग बनाई गईं हैं। इसमें गौतमबुद्धनगर जिले की कई बिल्डिंगे शामिल हैं।
इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 720 करोड़ रुपये की लागत की 180 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन इकाइयां लगाई गई हैं। वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा बचत के लिए ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता 2018 लागू की गई है। गरीब, ग्रामीण परिवारों के घरों में एक लाख 80 हजार सोलर पावर पैक संयंत्र लगा कर उन्हें सोलर लाइट की सुविधा दी गई है। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में अब तक 3400 सोलर आर.ओ. वाटर प्लांट की स्थापना की गई है।