1,000 कंपनियां रजिस्टर्ड, ₹8,25,000 करोड़ बैंकिंग एसेट्स और तेजी से बढ़ता कारोबार; एक्सपर्ट्स ने रेटिंग एजेंसियों और दीर्घकालिक टैक्स स्थिरता को बताया मुख्य कारक
गुजरात – भारत की GIFT City (Gujarat International Finance Tec-City) अब तेजी से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के रूप में उभर रही है। देश के वित्तीय विशेषज्ञों ने BFSI समिट 2025 में बताया कि GIFT City ने अब तक कितनी प्रगति की है और आने वाले समय में इसकी क्या संभावनाएं हैं।
1,000 से अधिक कंपनियां जुड़ीं
IFSCA के अतिरिक्त निदेशक (ED) दीपेश शाह ने कहा, “GIFT City में अब 1,000 से अधिक कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। केवल 3–4 साल पहले यह संख्या केवल 129 थी। यानी यह लगभग आठ गुना बढ़ चुकी है।”
उन्होंने बताया कि पहले भारत के अधिकांश बैंकिंग लेनदेन विदेशों से आते थे, लेकिन अब GIFT City से लगभग ₹8,25,000 करोड़ (लगभग $100 बिलियन) का बैंकिंग कारोबार हो रहा है। शाह ने कहा, “पहले यह आंकड़ा लगभग शून्य था, लेकिन अब भारत स्वयं का वित्तीय केंद्र बन चुका है।”
35 से अधिक सेक्टर सक्रिय
शाह ने कहा कि GIFT City में अब लगभग 35 अलग-अलग बिजनेस सेक्टर काम कर रहे हैं। इसमें फिनटेक कंपनियां, निवेश फंड, विदेशी विश्वविद्यालय और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान शामिल हैं।
GIFT City के स्टॉक एक्सचेंज पर हर महीने लगभग ₹8,50,000 करोड़ (लगभग $103 बिलियन) का कारोबार होता है, जो इसकी तेजी और वैश्विक निवेशकों की रुचि को दर्शाता है।
NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज का दबदबा
NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज के एमडी और सीईओ वी. बालासुब्रमण्यम ने बताया कि MSC इंटरनेशनल, NSE की सहायक कंपनी, अब 99% से अधिक मार्केट शेयर पर काबिज है।
उन्होंने कहा कि डेरिवेटिव ट्रेडिंग और ओपन इंटरेस्ट में तेजी से वृद्धि हो रही है। GIFT City में ओपन इंटरेस्ट अब ₹1,82,000 करोड़ (लगभग $22 बिलियन) तक पहुंच गया है। बालासुब्रमण्यम ने कहा, “ओपन इंटरेस्ट के मामले में NSE अब भारत में 4–5 गुना आगे निकल चुका है।”
रेटिंग एजेंसियों के लिए बड़ा अवसर
CareEdge Global IFSC की CEO रेवती कस्तुरे ने कहा कि किसी वित्तीय हब को विश्वसनीय बनाने के लिए सिर्फ बैंक और निवेशक ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि भरोसेमंद रेटिंग एजेंसी का होना भी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि अब तक रेटिंग एजेंसियों पर अमेरिका का दबदबा रहा है, लेकिन भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था को अपनी ग्लोबल रेटिंग एजेंसी खड़ी करनी चाहिए। इससे पूरे वित्तीय सिस्टम की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
टैक्स राहत और दीर्घकालिक निवेश स्थिरता
PwC के पार्टनर तुषार सचदे ने कहा कि GIFT City में काम करने वाली कंपनियों को लंबी अवधि के लिए टैक्स स्थिरता और टैक्स हॉलीडे मिलना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया, “यदि कंपनियों को 15–20 साल तक टैक्स छूट दी जाए, तो यह लंबे समय के निवेश को बढ़ावा देगा और बिजनेस में स्थिरता भी लाएगा।”
संक्षिप्त में:
GIFT City अब वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में तेजी से उभर रही है। 1,000 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन, ₹8,25,000 करोड़ बैंकिंग एसेट्स और 35 से अधिक बिजनेस सेक्टर इसे भारत की नई वित्तीय ताकत बनाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रेटिंग एजेंसियों की मौजूदगी और दीर्घकालिक टैक्स स्थिरता इसे दुबई और सिंगापुर जैसी वैश्विक प्रतिस्पर्धियों से टक्कर देने के लिए सक्षम बनाएगी।
