लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांवों में भी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बड़ी पहल की है। इसके जरिए हर गांव में कोरोना की टेस्टिंग की जाएगी। सीएम ने कहा है कि प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों में कोविड टेस्टिंग का वृहद अभियान 4 मई से संचालित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोरोना संक्रमण उपचार के लिए जरूरी सुविधाओं से युक्त कम से कम 10 बेड तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
इससे गांव के लोगों को अपने आसपास ही आसानी से इलाज मिल सकेगा। जिससे जनहानि में काफी कमी आने की उम्मीद जताई गई है। दरअसल, अभी भी कोरोना और सामान्य बुखार को लेकर गांवों में ज्यादा सतर्कता नहीं बरती जा रही है। इसलिए कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हर गांव में कोरोना टेस्टिंग से इस पर काबू पाने में आसानी होगी।
सीएम की स्पेशल टीम-9 की मीटिंग में हुआ फैसला
कोरोना पर हर संभव काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पेशल टीम-9 बिना रुके 24 घंटे लगातार काम कर रही है। रविवार को भी इस टीम ने खास मीटिंग कर गांवों में कोरोना को रोकने की योजना बनाई। रविवार को टीम-9 की बैठक की अगुवाई मुख्यमंत्री ने की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पंचायत मतगणना समाप्त होने के तत्काल बाद पांच दिवसीय प्रदेशव्यापी स्क्रीनिंग अभियान सभी ग्राम पंचायतों में टीम भेजकर संचालित कराया जाए।
यह टीम ग्राम पंचायत में कम से कम तीन दिनों के लिए भेजी जाए तथा सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जाए। इनके लिए मानदेय की व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण से हमें गांवों को बचाना होगा। गांवों के प्रति विशेष सतर्कता की जरूरत है। जांच के दौरान जो लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए जाएं, उन्हें मेडिकल प्रोटोकॉल का मुताबिक उपचार दिया जाए। स्वास्थ्य विभाग इस बड़े स्तर पर टेस्टिंग ड्राइव के सफल क्रियान्वयन के लिए तैयारी पूरी कर ले।
एक राज्य से दूसरे राज्य में बसों के संचालन पर रोक
कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री ने एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने वाले लोगों पर हर संभव रोक लगाने का फैसला किया है। इसलिए अंतरराज्यीय बस सेवा पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। ये रोक 15 मई तक फिलहाल रहेगी। यानी आगामी 15 दिनों तक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों का संचालन केवल प्रदेश के अंदर ही किया जाए।
वायु सेवा से आवागमन करने वाले सभी यात्रियों के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की जाए। गांवों में आने वाले हर एक प्रवासी व्यक्ति की टेस्टिंग की जाए। उन्हें नियमानुसार क्वारन्टीन किया जाए। ट्रेनों से आने वालों की तापमान जांच, संदिग्ध हों तो एंटीजन टेस्ट आदि कराया जाना सुनिश्चित करें। इसमें लापरवाही न हो।
रेमडेसिविर की उपलब्धता सुनिश्चित हो : सीएम
मुख्यमंत्री ने मीटिंग में ये भी कहा कि निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार रेमडेसिविर की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारियों और सीएमओ को रेमडेसिविर वॉयल दिए गए हैं। ये वॉयल किसके प्रयोग में आ रहा है, इसकी पूरी डिटेल रखनी होगी। स्वास्थ्य मंत्री इस जीवनरक्षक दवा की मांग और आपूर्ति के वितरण की स्वयं निगरानी करें। मांग, आपूर्ति और वितरण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से संपन्न होनी चाहिए। किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सीएम ने प्रदेश के सभी जिलों में बेड की क्षमता को दोगुनी करने के निर्देश दिए हैं।