तुर्की के प्रसिद्ध कवि नाजिम हिकमत ने अपने नामचीन चित्रकार मित्र आबिदीन से अनुरोध किया वह ‘खुशी’ पर एक पेन्टिंग बनायें।
लिहाजा,आबिदीन ने एक चरमराये बिस्तर पर मधुर नींद सोये एक परिवार की पेन्टिंग बनायी। उस बिस्तर का एक पाया भी टूटा हुआ था और वहाँ दो ईंटे लगा रखी गयी थी। उस जर्जर घर की छत भी चू रही थी। बिस्तर पर घर का कुत्ता भी सुख की नींद सोया था। आबिदीन की यह पेन्टिंग अमर हो गयी।
इस अमर चित्र को गहराई से देखिये और सोचिए कि खुशी वास्तव मे है क्या!! दरअसल,मुझे तो यह चित्र देखकर लगता है कि खुशी मुसीबतों की अनुपस्थिति नहीं,बल्कि मुसीबत की स्थिति को भी सहज भाव से स्वीकारने में है। आपके पास जो भी है,उसमें अच्छा देखने की कोशिश करिए,चाहे कैसी भी बुरी स्थिति हो। ऐसी बातों के लिए दुखी होना छोड़ दीजिए,जो आपके नियंत्रण में नहीं।
दिल जब कभी डूबने लगे तो आबिदीन की यह अमर पेन्टिंग देख लिया करिये।