मौत के स्वाद का चटखारे लेता मनुष्य … थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है … मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है। बकरे का, गाय का, भैंस का, ऊँट का, सुअर, हिरण का, पाए का, तीतर का, मुर्गे का, हलाल का, बिना हलाल का, झटके का, ताजा बकरे का, भुना हुआ, छोटी मछली, बड़ी मछली, हल्की आंच पर सिका हुआ। और न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के। क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा…. स्वाद से कारोबार बन गई मौत। मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स। नाम “पालन”…
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